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मासिक धर्म चक्र के दौरान स्किनकेयर रूटीन में बदलाव

क्या आप नोट करती हैं कि आपकी माहवारी शुरू होने से कुछ दिन पहले अक्सर चेहरे पर मुंहासे हो जाते हैं? या मासिक धर्म के शुरुआती दिनों में त्वचा मुरझाई और रूखी लगती है? ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि मासिक धर्म चक्र आपकी त्वचा के स्वास्थ्य और रूप को प्रभावित करता है। इस लेख में जानें कि मासिक धर्म के विभिन्न चरण आपकी त्वचा को कैसे प्रभावित करते हैं और कैसे आप अपने चक्र के अनुसार स्किनकेयर को एडजस्ट कर सकती हैं।

मासिक धर्म चक्र के अलग-अलग चरणों के अनुसार स्किनकेयर रूटीन का चित्रण।

अपनी त्वचा का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। पर्सनलाइज्ड स्किनकेयर आपके मुंहासे, प्रीमैच्योर एजिंग, त्वचा की क्षति व दूसरे स्किन इश्यूज में मदद कर सकती है। हालांकि अगर आप सबकुछ सही कर रही हैं—बेहतरीन प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रही हैं, नियमित देखभाल कर रही हैं—फिर भी आपकी त्वचा में समस्याएँ हैं, तो इसके लिए आपका मासिक धर्म चक्र जिम्मेदार हो सकता है।

शायद आपने नोट किया होगा कि अपने चक्र के अंतिम दिनों में, माहवारी शुरू होने से पहले, आपकी त्वचा अधिक मुरझाई, तैलीय या पिंपल्स से प्रभावित लगती है। लेकिन क्या आपने बाकी चरणों का त्वचा पर प्रभाव नोट किया है? हाल ही में मेडिकल कम्युनिटी और सोशल मीडिया में एक नया ट्रेंड पॉपुलर हो रहा है, जिसे स्किनकेयर सिंकिंग कहते हैं।

क्या है सायकल सिंकिंग स्किनकेयर?

आपने वर्कआउट या डेली रूटीन को माहवारी चक्र के मुताबिक प्लान करने के बारे में सुना होगा। स्किनकेयर सिंकिंग भी ऐसा ही एक ट्रेंड है जो बड़ी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। स्किन इंफ्लुएंसर्स से लेकर डर्मेटोलॉजिस्ट और एस्थेटिशियन तक इसकी तारीफ कर रही हैं।

इसका मैसेज है कि विभिन्न हार्मोनल स्टेज़ में आपकी त्वचा भी इन्हीं उतार-चढ़ाव का रिफ्लेक्शन दिखाती है। यानी आपको अपने स्किनकेयर प्रोडक्ट्स को चक्र के उन चरणों के अनुसार मैच करना चाहिए, ताकि उनके अधिकतम लाभ मिलें और हर चरण में आने वाली स्किन प्रॉब्लम्स को संभाल सकें। अपने स्किनटाइप पर आधारित स्किनकेयर रूटीन बनाना भी यही सलाह देता है।

अगर आप स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में थोड़े बदलाव लाती हैं, तो प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) के पिंपल्स से लड़ सकती हैं, साथ ही पूरे माहवारी चक्र में त्वचा को हेल्दी, मुलायम और ग्लोइंग बना सकती हैं।

मासिक धर्म चक्र के चरण और उनका त्वचा के स्वास्थ्य पर असर

मासिक धर्म चरण

मासिक धर्म चरण आपके पीरियड के पहले दिन से शुरू होती है और आमतौर पर 3-7 दिन तक रहती है। इस दौरान एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टीरॉन, और टेस्टोस्टेरॉन जैसे सेक्स हार्मोन अपने सबसे कम स्तर पर होते हैं। जैसे मूड और ऊर्जा स्तर गिरते हैं, वैसे ही त्वचा भी अधिक सूखी, बेजान, या संवेदनशील महसूस हो सकती है, खासकर रेटिनोल या एक्सफोलिएटिंग एसिड जैसे स्ट्रॉन्ग एक्टिव्स के प्रति।

ये मुख्य रूप से एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरॉन के कम स्तर के चलते होता है, क्योंकि ये हार्मोन रक्त वाहिकाओं को फैलाते हैं और त्वचा में नैचुरल ग्लो देते हैं। वहीं, एस्ट्रोजन सीबम प्रोडक्शन बढ़ाकर त्वचा को मॉइस्चर देता है।

फॉलिक्युलर चरण

फॉलिक्युलर चरण में मासिक धर्म चरण भी शामिल होती है और ये आमतौर पर 10-14 दिन तक चलती है। इस चरण के मुख्य इफेक्ट्स मासिक धर्म के बाद दिखते हैं, जब अंडाशय ज्यादा एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरॉन बनाने लगते हैं।

इस समय, आपकी त्वचा ज्यादा क्लियर, ब्राइट और यंग लग सकती है। इसका कारण है एस्ट्रोजन का कोलेजन प्रोडक्शन और चेहरे के रक्त प्रवाह में इज़ाफा करना।

चेहरे की सुंदरता पर हुए रिसर्च में भी पता चला है कि महिला के चेहरे की विशेषताएं पूरे चक्र के दौरान बदलती हैं। फॉलिक्युलर चरण, विशेषकर ओव्यूलेशन के करीब, सबसे नरम और आकर्षक लग सकती हैं।

हालांकि, कुछ लोगों को फॉलिक्युलर चरण के अंत में त्वचा ज्यादा तैलीय महसूस होती है, जो टेस्टोस्टेरॉन में बढ़ोतरी के चलते होता है।

ओव्यूलेशन

ओव्यूलेशन चरण सबसे छोटी होती है, लेकिन इसका असर चेहरे पर ज़रूर दिखता है। इसी समय अधिकतर महिलाएं खुद को सबसे अच्छा महसूस करती हैं। एनर्जी लेवल ऊँचा होता है, आप अधिक सोशल, आत्मविश्वासी और एक्टीव महसूस कर सकती हैं।

ओव्यूलेशन के दौरान एस्ट्रोजन अपने चरम पर होता है, जिससे बॉडी टेम्परेचर बढ़ता है और त्वचा में हेल्दी ग्लो व गुलाबीपन आता है। साथ ही, इसी हार्मोन के कारण त्वचा की इलास्टिसिटी भी बेहतर होती है।

दूसरी तरफ, टेस्टोस्टेरॉन और ल्यूटिनाइज़िंग हार्मोन बढ़ने से सीबम उत्पादन ज्यादा होता है—इसलिए पिंपल्स या खुले रोमछिद्र भी दिख सकते हैं।

ल्यूटियल चरण

ल्यूटियल चरण चक्र का आखिरी चरण है, ovulation के तुरंत बाद, जब एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरॉन गिरने लगते हैं। गर्भाशय संभावित गर्भावस्था के लिए तैयार होता है, तो ओवरी का कॉर्पस ल्यूटियम प्रोजेस्टीरॉन का निर्माण करता है, जिससे त्वचा की सीबेसियस ग्लैंड्स में सीबम बनता है।

प्रोजेस्टीरॉन रोमछिद्रों को थोड़ा चौड़ा करता है, जिस वजह से वे बड़े भी दिखाई दे सकते हैं। ल्यूटियल चरण में सूजन और पानी रुकने की समस्या हो सकती है, जिसका असर त्वचा की नमी व फुलावट में दिखता है—और इससे तैलीयपन भी बढ़ सकता है।

इसी समय, सेल्युलर टर्नओवर स्लो हो जाता है, जिससे मृत कोशिकाएं जमा हो जाती हैं। इनके सीबम से मिलकर रोमछिद्र बंद हो सकते हैं और पिंपल्स आ सकते हैं।

डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि एक्सपर्ट्स और स्किनकेयर लवर के अनुसार, सही तरीके से स्किनकेयर सिंकिंग करने पर किसी भी चरण में आप सुंदर और बेदाग त्वचा पा सकती हैं।

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मासिक धर्म चक्र के अनुसार स्किनकेयर प्रोडक्ट्स कैसे चुनें

मासिक धर्म चरण (दिन 1-5) की स्किनकेयर रूटीन

इस चरण में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टीरॉन कम होने की वजह से त्वचा ज़्यादा संवेदनशील और शुष्क रहती है। ध्यान दें—हाईड्रेशन और हल्के एक्सफोलिएशन पर फोकस करें।

रूटीन:

  • शाम को हल्के क्लींजर से चेहरा साफ करें। सुबह स्किन क्लीनिंग छोड़ सकती हैं, ताकि त्वचा का प्राकृतिक नमी सुरक्षित रहे।
  • हयालूरोनिक एसिड, पैंथेनॉल, सेरामाइड जैसे सुकून देने वाले उत्पादों से स्किन को हाइड्रेट करें—सुबह और शाम दोनों समय।
  • माइल्ड एक्सफोलिएशन करें। हल्के केमिकल एक्सफोलिएंट्स, जैसे लैक्टिक या मैलिक एसिड, चुनें—2-3 बार ही करें सप्ताह में।
  • रिच मॉइस्चराइजर से सुबह-शाम त्वचा को मॉइस्चराइज करें—ये त्वचा की सुरक्षा परत को बनाए रखेगा।
  • फेस मास्क (हाइड्रेटिंग/मॉइस्चराइजिंग) लगाकर अतिरिक्त देखभाल करें।

फॉलिक्युलर चरण (दिन 6-14) की स्किनकेयर रूटीन

इस समय एस्ट्रोजन बढ़ती है, जिससे स्किन की इलास्टिसिटी और हाइड्रेशन बेहतर होता है। ब्राइटनिंग और कोलेजन-बिल्डिंग ट्रीटमेंट के लिए अच्छा समय है। नई प्रोडक्ट भी इसी समय ट्राय करें।

रूटीन:

  • शाम में वॉटर-बेस्ड क्लींजर से चेहरा साफ करें। सुबह क्लीनिंग छोड़ सकती हैं।
  • सुबह विटामिन C और नियासिनमाइड सीरम से त्वचा को ग्लोइंग बनाएं।
  • हयालूरोनिक एसिड प्रोडक्ट्स सुबह व शाम इस्तेमाल करें।
  • हल्का मॉइस्चराइज़र व सनस्क्रीन से रूटीन खत्म करें।

ओव्यूलेटरी चरण (लगभग दिन 12-14) की स्किनकेयर रूटीन

एस्ट्रोजन के पीक पर त्वचा सबसे अच्छी लगती है, लेकिन तैलीयपन व पिंपल्स भी आ सकते हैं। त्वचा के ग्लो को बरकरार रखने और सुरक्षा पर ध्यान दें।

रूटीन:

  • डबल क्लींजिंग करें—ऑयल-बेस्ड क्लींजर से शुरू करें और फिर वॉटर-बेस्ड क्लींजर से खत्म करें।
  • एंटीऑक्सीडेंट-समृद्ध प्रोडक्ट्स जैसे विटामिन C, जिंक, या कॉपर पेप्टाइड्स पर फोकस करें।
  • इस समय रेटिनोल को अपनी रूटीन में शामिल कर सकती हैं—ये सेल टर्नओवर और ऑयलीनेस को मैनेज करता है।
  • हफ्ते में 1-2 बार लाइट केमिकल एक्सफोलिएशन (ग्लाइकोलिक एसिड) करें।
  • हल्का मॉइस्चराइज़र इस्तेमाल करें।

ल्यूटियल चरण (दिन 15-28) की स्किनकेयर रूटीन

इस चरण में प्रोजेस्टीरॉन के बढ़ने से ऑयल प्रोडक्शन और ब्रेकआउट्स बढ़ सकते हैं। एक्स्ट्रा ऑयल और पिंपल्स को कंट्रोल करने पर फोकस करें। ये अक्सर सबसे चुनौतीपूर्ण चरण होता है—अगर 1-2 पिंपल्स हों भी तो चिंता न करें, ये नार्मल है।

रूटीन:

  • शाम को डबल क्लींजर से चेहरा साफ करें—एक्नेप्रोन स्किन के लिए ऑयल-बेस्ड की जगह क्लीनज़िंग बाम या माइसेलर वॉटर ट्राय करें, उसके बाद हमेशा वॉटर-बेस्ड क्लींजर इस्तेमाल करें।
  • शाम को रेटिनोल और सुबह विटामिन C से त्वचा सुधारें।
  • सैलिसिलिक एसिड या बेंज़ॉयल पेरोक्साइड जैसे स्ट्रॉन्ग केमिकल एक्सफोलिएंट्स सप्ताह में 1-3 बार ट्राय करें, लेकिन रेटिनोल वाले दिन मत इस्तेमाल करें।
  • क्ले मास्क लगाकर अतिरिक्त सीबम ऐब्जॉर्ब करें और डीप क्लीनिंग करें।
  • ऑयल-फ्री मॉइस्चराइजर पर स्विच करें।

सामान्य स्किनकेयर सिंकिंग टिप्स

  • एक साथ कई बदलाव न करें—हर बार एक नया प्रोडक्ट जोड़ें और एक हफ्ते तक उसका असर देखें, फिर रूटीन बदलें। तभी पता चलेगा क्या आपकी त्वचा में बेहतरी आ रही है या परेशानी।
  • हालांकि ये गाइडलाइंस सामान्य हैं, आपकी त्वचा की ज़रूरतें अलग हो सकती हैं। त्वचा के रेस्पॉन्स पर ध्यान दें और उसी अनुसार बदलाव करें।
  • सुबह हमेशा सनस्क्रीन लगाएं—ये त्वचा की सुरक्षा करता है और अन्य प्रोडक्ट्स के असर को भी बढ़ाता है।
  • पूरे चक्र में खूब पानी और इलेक्ट्रोलाइट-युक्त ड्रिंक पिएं ताकि त्वचा का स्वास्थ्य अंदर से बनाए रखें।
  • अपने मासिक धर्म ट्रैकर के साथ स्किन डायरी रखें, ताकि पैटर्न पहचानें और रूटीन को समय के साथ बेहतर करें।

PCOS के लिए स्किनकेयर

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक आम एंडोक्राइन स्थिति है, जो 10 में से 1 महिला को प्रभावित करती है। ये ओवरी के सिस्ट और एंड्रोजन (मेल हार्मोन) के अधिक स्तर से पहचानी जाती है—इसे हाइपरएंड्रोजेनिज्म कहते हैं। इससे हिर्सूटिज़्म, एक्ने, मेल-पैटर्न हेयर लॉस जैसी समस्याएं होती हैं। सबसे आम समस्या होती है तैलीय और एक्ने-प्रोन त्वचा।

PCOS में एक्ने अक्सर सामान्य पिंपल्स से ज्यादा तेज और लगातार होती है; ये चेहरे, सीने और ऊपरी पीठ पर भी हो सकती है। यानी चक्र के किसी भी चरण में आपको तैलीय त्वचा से जूझना पड़ सकता है।

PCOS में त्वचा की सेहत बेहतर करने के उपाय:

  • जेंटल क्लींजर: दिन में दो बार माइल्ड, नॉन-कॉमेडोजेनिक क्लींजर से चेहरा धोएं। यदि स्किन शुष्क है तो सुबह सिर्फ पानी से चेहरा धो सकती हैं।
  • ऑयल कंट्रोल: ऑयल-फ्री व नॉन-कॉमेडोजेनिक मॉइस्चराइजर/सनस्क्रीन लें।
  • एक्ने ट्रीटमेंट: सैलिसिलिक एसिड या बेंज़ॉयल पेरोक्साइड युक्त प्रोडक्ट्स से पिंपल्स मैनेज करें। रेटिनोल व क्ले मास्क भी उपयोग कर सकती हैं।
  • एंटीऑक्सीडेंट्स: सुबह विटामिन C लगाने से एक्ने के दाग व पिग्मेंटेशन डल हो सकते हैं। नियासिनामाइड भी रेडनेस कम करता है व पोर्स को छोटा करता है।
  • एक्सफोलिएशन: हल्के केमिकल एक्सफोलिएंट्स (AHA या BHA) सप्ताह में 1-3 बार, रात को ही इस्तेमाल करें—ताकि धूप से संवेदनशीलता न बढ़े।

हाइपोथायरॉइडिज्म में स्किनकेयर

कई महिलाओं को थायरॉइड की समस्या (हाइपोथायरॉइडिज्म) भी होती है जिसमें थायरॉइड ग्लैंड पर्याप्त हार्मोन नहीं बनाता। इससे रूखी, खुरदरी त्वचा, पीलापन, सूजन व घाव देर से भरना आम है।

हाइपोथायरॉइडिज्म के लिए स्किनकेयर टिप्स:

  • हाइड्रेशन: रिच, हाइड्रेटिंग मॉइस्चराइज़र लें—जैसे हयालूरोनिक एसिड, ग्लिसरीन, सेरामाइड्स, सें्टेला एशियाटिका वाले प्रोडक्ट्स सुबह और रात लगाएँ।
  • जेंटल क्लींजर: माइल्ड, फ्रेगरेंस-फ्री क्लींजर से क्लीन करें। ज्यादा गर्म पानी एवॉइड करें, ये स्किन को और सुखा सकता है। बहुत सूखी त्वचा हो तो सुबह क्लींजर न यूज़ करें।
  • एक्सफोलिएशन: सिर्फ़ सूखी त्वचा के कारण एक्सफोलिएशन बिल्कुल न छोड़ें—हल्का केमिकल एक्सफोलिएटर चुनें, जैसे- लैक्टिक एसिड।
  • एंटीऑक्सीडेंट्स: एंटी-इन्फ्लेमेटरी तत्वों से युक्त प्रोडक्ट जैसे नियासिनैमाइड, ऐलोवेरा, विटामिन C/E—स्किन को सूजन से बचाते हैं व नेचुरल ग्लो देते हैं।

पूरे माहवारी चक्र में अपनी त्वचा की बेहतर देखभाल करें

आशा करते हैं, इस लेख से आपको अपने चक्र के अनुसार स्किनकेयर सिंकिंग के बारे में जानकारी मिली होगी। अपने मासिक धर्म के अनुसार सही स्किनकेयर प्रोडक्ट्स और इंग्रेडिएंट्स चुनकर आप हेल्दी और चमकदार त्वचा पा सकती हैं। खासतौर पर शक्तिशाली एक्टिव्स इंट्रोड्यूस करते समय सावधानी रखें, ताकि त्वचा की सुरक्षा परत खराब न हो।

अपने मासिक धर्म चक्र को ट्रैक कर आप अपनी स्किनकेयर रूटीन को बेहतर एडजस्ट कर सकती हैं। Skincare syncing को आसान बनाने के लिए WomanLog पीरियड ट्रैकर जरूर देखें।

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https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S0018506X19301333
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25683236/
https://thecenterforderm.com/how-your-menstrual-cycle-affects-your-skin/
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