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आयरन की कमी: लक्षण, उपचार और स्वास्थ्य पर प्रभाव
आयरन एक आवश्यक खनिज है जो हीमोग्लोबिन उत्पादन, ऑक्सीजन के परिवहन, प्रतिरक्षा प्रणाली के समर्थन और शरीर में कई अन्य कार्यों के लिए जरूरी है। दुर्भाग्यवश, आयरन की कमी दुनिया में कुपोषण का सबसे आम रूप है। आयरन की कमी के लक्षणों और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में जानिए।
आयरन की कमी दुनिया में सबसे अधिक पाई जाने वाली पोषक तत्वों की कमियों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, लगभग 40% छोटे बच्चों और 30% महिलाओं को आयरन की कमी के कारण एनीमिया होता है। इस महत्वपूर्ण खनिज की कमी आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।
आयरन की कमी क्या है?
आयरन एक आवश्यक खनिज है जो आपके शरीर के सही तरीके से काम करने के लिए जरूरी है।
शरीर में आयरन की भूमिका:
ऑक्सीजन का परिवहन: आयरन हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है और फेफड़ों से शरीर के ऊतकों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है।
सेलुलर ऊर्जा उत्पादन: आयरन माइटोकॉन्ड्रिया में इलेक्ट्रॉन ट्रांसपोर्ट चैन के लिए जरूरी है, जो कोशिकाओं का पावरहाउस है।
डीएनए संश्लेषण: डीएनए का निर्माण और मरम्मत करने के लिए आयरन जरूरी है।
मांसपेशियों का कार्य: आयरन मयोब्लोबिन का हिस्सा है, जो प्रोटीन मांसपेशियों में ऑक्सीजन संग्रहित करता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन: प्रतिरक्षा कोशिकाओं के काम और साइटोकाइन्स के उत्पादन के लिए आयरन आवश्यक है।
मस्तिष्क का उचित कार्य: न्यूरोट्रांसमीटर का निर्माण करने के लिए मस्तिष्क को आयरन चाहिए।
हीम और नॉन-हीम आयरन
आमतौर पर हम अपने भोजन से आयरन प्राप्त करते हैं, खासतौर पर पशु उत्पादों से। शरीर दो प्रकार के आयरन को अवशोषित कर सकता है: हीम और नॉन-हीम आयरन।
हीम आयरन हीमोग्लोबिन और मयोब्लोबिन अणुओं का हिस्सा होता है, जिसे शरीर आसानी से अवशोषित और उपयोग कर सकता है। यह मुख्य रूप से लाल मांस, अंग मांस, मुर्गी, मछली और समुद्री भोजन से मिलता है।
नॉन-हीम आयरन का अवशोषण कम होता है और यह अन्य खाद्य पदार्थों (जैसे कैल्शियम) द्वारा कम किया जा सकता है। यह मुख्यतः पौधों, अनाज, फलियों, बीजों और मेवों से मिलता है। कुछ प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ जैसे ब्रेड, सीरियल और प्लांट मिल्क में आयरन मिलाया भी जाता है।
आप अपने लोहे के बर्तन से भी आयरन प्राप्त कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप कास्ट आयरन कढ़ाई का उपयोग करती हैं, तो कुछ आयरन आपके भोजन में मिल सकता है। इसके अलावा कुकिंग एक्सेसरीज़ भी मिलती हैं, जैसे लकी आयरन फिश, जिसे आप खाना बनाते समय भोजन में डाल सकती हैं ताकि उसमें आयरन मिल सके।
आयरन की कमी कैसे शुरू होती है?
सीधे शब्दों में, आयरन की कमी तब शुरू होती है जब आप पर्याप्त आयरन युक्त भोजन नहीं लेतीं, खून की हानि हो जाती है, या आपका शरीर भोजन से आयरन को अवशोषित नहीं कर पाता। कई बार लोग आयरन की कमी और एनीमिया को एक ही मान लेते हैं। हालांकि, आयरन की कमी एनीमिया का एक आम कारण है (आयरन-डिफिशिएंसी एनीमिया), पर आयरन की कमी अपने आप में भी हो सकती है। अन्य कारणों में विटामिन B12 या B9 की कमी, कैंसर, HIV, या चोट से हुआ एनीमिया भी शामिल हैं।
आयरन की कमी के कारण
पर्याप्त आयरन युक्त भोजन या सप्लीमेंट्स ना लेना
आयरन का अवशोषण शरीर में सही ढंग से ना होना
सीलिएक रोग, इनफ्लेमेटरी बाउल डिजीज जैसी पेट की बीमारियां
कुछ दवाइयाँ, जैसे एंटासिड या कैल्शियम सप्लीमेंट्स, आयरन के अवशोषण में बाधा डाल सकती हैं
गर्भावस्था
तेज़ वृद्धि के चरण (बचपन, किशोरावस्था)
एथलीट्स या जो बहुत व्यायाम करती हैं
खून की हानि- जैसे भारी मासिक धर्म, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव (जैसे अल्सर, कोलोरेक्टल कैंसर), बार-बार रक्तदान
कुछ पुरानी बीमारियां, जैसे क्रॉनिक किडनी डिजीज, कैंसर, क्रॉनिक हार्ट फेल्योर
हुकवर्म जैसी परजीवी संक्र्र्मण भी आयरन के अवशोषण में बाधा डाल सकते हैं
आयरन की कमी के चरण
आमतौर पर आयरन की कमी धीरे-धीरे महीनों या सालों में विकसित होती है, जब तक कि बहुत ज्यादा खून ना बह जाए या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से आयरन की कमी ना कर दें।
यह आमतौर पर चार चरणों में होती है:
आयरन डिपलीशन
शरीर के आयरन भंडार (मुख्य रूप से जिगर में) कम होने लगते हैं
इस स्तर पर लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन पर तुरंत कोई असर नहीं पड़ता
सीरम फेरिटिन स्तर गिरता है
आयरन से वंचित एरिथ्रोपोएसिस
आयरन के भंडार समाप्त हो जाते हैं
लाल रक्त कणिकाओं के उत्पादन के लिए बोन मैरो को आयरन की आपूर्ति कम हो जाती है
ट्रांसफेरिन सैचुरेशन घट जाती है
रेड ब्लड सेल डिस्ट्रीब्यूशन विड्थ (RDW) थोड़ा बढ़ जाता है
आयरन की कमी से एनीमिया
इस चरण में हीमोग्लोबिन का उत्पादन प्रभावित होता है
लाल रक्त कोशिकाएं छोटी (माइक्रोसाइटिक) और हल्की (हाइपोक्रोमिक) हो जाती हैं
हीमोग्लोबिन और हेमेटोक्रिट स्तर सामान्य से कम हो जाता है
एनीमिया के लक्षण शुरू हो जाते हैं
गंभीर आयरन की कमी से एनीमिया
हीमोग्लोबिन स्तर में भारी गिरावट
लक्षण अधिक स्पष्ट हो जाते हैं
यह दीर्घकालिक जटिलताएं पैदा कर सकती है, जैसे अंगों को नुकसान, हृदय संबंधी समस्याएं, और पुरानी थकान
आयरन की कमी के लक्षण और चिन्ह
आयरन की कमी के पहले चरण में अक्सर कोई लक्षण नजर नहीं आते। जैसे-जैसे आपकी पोषण संबंधी ज़रूरतें पूरी नहीं होतीं, आप विशिष्ट लक्षण अनुभव करना शुरू कर सकती हैं।
आयरन की कमी के शुरूआती लक्षण:
थकान और कमजोरी
आंखों की निचली पलक, मसूड़ों, और नाखूनों के बेड्स की रंगत फीकी पढ़ना
गंभीर आयरन की कमी वाली बच्चियों में मानसिक विकास में देरी और व्यवहार संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं
आयरन की कमी वाली गर्भवती महिलाओं में समय से पहले प्रसव और कम वजन के शिशु का जोखिम बढ़ जाता है
किन्हें आयरन की कमी का खतरा अधिक है?
आम तौर पर, प्रजनन आयु की महिलाओं और बच्चों को आयरन की कमी का सबसे अधिक खतरा होता है।
प्रजनन आयु की महिलाएं मासिक धर्म के कारण अधिक जोखिम में रहती हैं।
गर्भवती महिलाओं को आयरन की आवश्यकता बढ़ जाती है क्योंकि उनका रक्त आयतन लगभग 50% बढ़ जाता है। उन्हें भ्रूण और प्लेसेंटा के विकास के लिए भी अतिरिक्त आयरन चाहिए। प्रसव के बाद, खून की हानि होने पर भी आयरन सप्लीमेंट्स जरूरी हो सकते हैं।
शिशु और छोटे बच्चों को तेज़ी से बढ़ते शरीर और मस्तिष्क के विकास के लिए पर्याप्त आयरन युक्त भोजन लेना चाहिए।
शाकाहारी और वीगन महिलाएं भी जोखिम में रहती हैं क्योंकि वे पर्याप्त हीम आयरन नहीं ले पातीं। पौधों से आयरन का अवशोषण मुश्किल होता है, इसलिए उनकी अनुशंसित प्रति दिन की मात्रा पूरी नहीं हो पाती।
एथलीट्स में भी आयरन की कमी का खतरा अधिक होता है क्योंकि कड़ी ट्रेनिंग से लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ता है, जिसके लिए अतिरिक्त आयरन की जरूरत होती है। साथ ही, वे पसीने और चोट के कारण भी अधिक आयरन खो सकती हैं।
कुछ बीमारियों जैसे पेट में रक्तस्राव, खाद्य एलर्जी, या ऑटोइम्यून रोगों वाली महिलाओं को भी, खानपान सही होने के बावजूद, आयरन अवशोषित करने में दिक्कत हो सकती है।
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आयरन की कमी का पता कैसे चलता है?
आसान ब्लड टेस्ट से ही आयरन की कमी का संकेत मिल सकता है। हालांकि, अधिकतर महिलाओं को इसका पता रूटीन हेल्थ चेकअप के दौरान लगता है जब यह एनीमिया में बदल चुकी होती है।
यदि आप आयरन की कमी के लक्षण महसूस करती हैं, तो अपने डॉक्टर से ब्लड टेस्ट के लिए कहें।
ब्लड टेस्ट में देखें जाए:
कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC)
सीरम फेरिटिन (शरीर के आयरन भंडार के लिए सबसे विश्वसनीय जांच)
सीरम आयरन, जिसमें रक्त में आयरन की मात्रा पता चलती है
टोटल आयरन-बाइंडिंग कैपेसिटी (TIBC), जो पता करता है कि रक्त में ट्रांसफेरिन के साथ आयरन बाइंडिंग की क्षमता कितनी है
आयरन की कमी का उपचार कैसे हो?
अधिकतर आयरन की कमी का इलाज आहार परिवर्तन या सप्लीमेंट द्वारा संभव है। यदि कोई चिकित्सा स्थिति आयरन को खत्म कर रही है, तो उपचार उसकी वजह पर निर्भर करेगा।
आयरन की कमी के उपचार के तरीके:
अधिक आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे बीफ, भेड़, सूअर, चिकन, ऑयस्टर्स, सारडिन, टूना, लीवर, किडनी एवं अन्य पशु उत्पाद लें। पौधों से मिलने वाले आयरन के स्रोत: दालें (बीन्स, मसूर, चना), टोफू और टेम्पे, पालक और अन्य हरी पत्तेदार सब्जियाँ, क्विनोआ, कद्दू के बीज, और फोर्टिफाइड फूड्स।
आयरन के स्रोतों को विटामिन C के साथ लें ताकि अवशोषण बेहतर हो।
कैसे भोजन और पेय पदार्थ, जैसे उच्च कैल्शियम युक्त चीज़ें, चाय, कॉफी, और शराब, आयरन अवशोषण में रुकावट डालती हैं, इनसे बचें।
आयरन सप्लीमेंट लें। कई प्रकार के सप्लीमेंट उपलब्ध हैं, जैसे फेरस सल्फेट या फेरस ग्लूकोनेट। इन्हें खाने के बीच में, विटामिन C के साथ लेना सबसे अच्छा है।
गंभीर मामलों में या ओरल सप्लीमेंट न सहने पर, अंतःशिरा (IV) आयरन भी लिया जा सकता है।
खून की हानि, मासिक धर्म का अत्यधिक बहना, पाचन तंत्र में रक्तस्राव, या अवशोषण संबंधी समस्याएं जैसी जड़ वजहों का इलाज करें।
आयरन की कमी के साथ जीवन
हालांकि आयरन की कमी आम है, यह आपके स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता पर गहरा असर डाल सकती है। इसका सर्वोत्तम निदान और इलाज आपके डॉक्टर की मदद से ब्लड टेस्ट करवा कर ही किया जा सकता है। एक बार पता चलने के बाद, आप जरूरी बदलाव ले सकती हैं।
याद रखें:
आयरन की कमी के शुरुआती लक्षण हैं: थकान, फीकी त्वचा, सांस फूलना, सरदर्द, चक्कर आना, और हाथ-पैरों में ठंड लगना।
आयरन की कमी की रोकथाम के लिए संपूर्ण और संतुलित आहार खाएं।
आयरन की कमी की जांच के लिए कंप्लीट ब्लड काउंट, सीरम फेरिटिन, सीरम आयरन, और टोटल आयरन-बाइंडिंग कैपेसिटी वाली ब्लड जांच करवाएं।
हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको आयरन की कमी को समझने और स्वस्थ, संतुलित जीवन जीने में मदद करेगा।
इडीमा, या ऊतकों में सूजन आना, सूजन और चोट के प्रति एक सामान्य प्रतिक्रिया है। यह सूजन घायल क्षेत्र की रक्षा करती है और ऊतक की मरम्मत को बढ़ावा देती है। यदि सूजन का कारण स्पष्ट है, जैसे टूटा हुआ टखना या कीड़े के काटने से हुई जलन, और अन्य कोई लक्षण नहीं हैं, तो यह आमतौर पर कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है।
यह एक सवाल है जो हममें से कई लोग हाल ही में खुद से पूछ रही हैं। कभी-कभी यह टालना असंभव होता है, कुछ स्थितियों में बिल्कुल समझने योग्य होता है, लेकिन हमेशा थकी रहना कोई सामान्य स्थिति नहीं होनी चाहिए। हमारे समाज में "हमेशा थकी रहना" को अक्सर सामान्य और सुंदर बनाकर दिखाया जाता है, लेकिन वास्तव में यह बहुत खतरनाक है। लगातार अधिक थकान होना आपके शरीर का एक संकेत है कि कुछ गड़बड़ हो सकती है। आइए देखें, हमेशा थकी रहने के सबसे सामान्य कारण और उनके कुछ समाधान।
खूबसूरत और अच्छी तरह से देखभाल किए गए नाखून न केवल देखने में आकर्षक लगते हैं, बल्कि यह अच्छे स्वास्थ्य का भी संकेत होते हैं। जब शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी होती है, तो इसका पहला असर हमारे बालों और नाखूनों पर दिखाई देता है। जिस तरह हम अपने हाथों और पैरों की साज-संभाल से अपने व्यक्तित्व का इज़्हार करती हैं, वैसे ही हमारे नाखूनों के और भी कई महत्त्वपूर्ण काम होते हैं।