हार्मोनल और गैर-हार्मोनल इंट्रायूटेरिन डिवाइसेस (आईयूडी) में क्या अंतर हैं? हर गर्भनिरोधक विकल्प के क्या लाभ और साइड इफेक्ट्स हैं? और लागत के बारे में क्या? इस लेख में, आप आईयूडी के अलग-अलग प्रकारों के बारे में और जानेंगी ताकि आप तय कर सकें कि आपके लिए कौन सा विकल्प सही है।
अगर आपने कभी गर्भनिरोधक के बारे में सोचा है, चाहे वह परिवार नियोजन के लिए हो या स्वास्थ्य कारणों से, तो आपने दो विकल्प जरूर देखे होंगे: हार्मोनल और गैर-हार्मोनल गर्भनिरोधक। हार्मोनल गर्भनिरोधक के कई विकल्प होते हैं, जैसे कॉम्बीनेशन पिल्स, वैजाइनल रिंग्स और हार्मोनल आईयूडी। गैर-हार्मोनल विकल्प सीमित हैं। अगर आप चाहती हैं कि गर्भनिरोधक आपके हार्मोनों को प्रभावित न करे, तो आपके पास प्रधानतया बैरियर मेथड्स और कॉपर आईयूडी का विकल्प होता है। इस लेख में हम हार्मोनल और गैर-हार्मोनल आईयूडी की तुलना करेंगी।
आप जानेंगी:
हार्मोनल और गैर-हार्मोनल, दोनों इंट्रायूटेरिन डिवाइस (आईयूडी) छोटे, T-आकार के गर्भनिरोधक उपकरण हैं, जिन्हें एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ द्वारा गर्भाशय में डाला जाता है। इनका आकार गर्भाशय में फिट होने के लिए डिजाइन किया गया है और ये हार्मोन अथवा कॉपर आयन छोड़ते हैं, जिससे गर्भधारण रोका जाता है।
इंट्रायूटेरिन डिवाइस के दो प्रकार हैं:
दोनों ही गर्भधारण रोकने में बेहद प्रभावी हैं और अन्य गर्भनिरोधक तरीकों के मुकाबले इनमें सफलता दर सबसे अधिक है।
आईयूडी विवाहित और अविवाहित महिलाओं में तीसरा सबसे लोकप्रिय गर्भनिरोधक विकल्प है। केवल फीमेल स्टेरिलाइज़ेशन और कंडोम ही आईयूडी से आगे हैं।
हार्मोनल आईयूडी एक हार्मोन, लिवोनॉर्गेस्ट्रेल (प्रोजेस्टिन का एक प्रकार), के द्वारा काम करता है, जो प्राकृतिक महिला सेक्स हार्मोन प्रोजेस्टरॉन की नकल करता है। यह आईयूडी यह हार्मोन अल्प मात्रा में गर्भाशय में छोड़ता है। यह सर्विकल म्यूकस को गाढ़ा कर देता है, जिससे शुक्राणु के अंडों तक पहुंचने में कठिनाई आती है। साथ ही गर्भाशय की परत (एंडोमेट्रियम) को पतला करता है, जिससे मासिक धर्म रक्तस्राव कम हो जाता है और अंडे के इम्प्लांट होने की संभावना कम हो जाती है।
हालांकि यह एक हार्मोनल गर्भनिरोधक है, लेकिन हार्मोनल आईयूडी स्थानीय रूप से हार्मोन छोड़ता है, जबकि कॉम्बीनेशन पिल, पैच या इंजेक्शन जैसे अन्य विकल्प पूरे शरीर में हार्मोन फैलाते हैं।
प्रसिद्ध हार्मोनल आईयूडी ब्रांड्स:
आईयूडी गर्भनिरोधक के सबसे प्रभावी तरीकों में शुमार होते हैं, इनकी सफलता दर 99% से अधिक है। इसका कारण है कि इसमें मानवीय भूल की बहुत कम संभावना है। आपको इसे लेना या लगाना याद नहीं रखना पड़ता, क्योंकि यह तब तक गर्भाशय में रहता है जब तक आप निकालने के लिए डॉक्टर से नहीं मिलतीं।
ज्यादातर हार्मोनल आईयूडी 3 से 8 साल तक प्रभावी रहते हैं, ब्रांड पर निर्भर करता है। इन्सर्शन के दौरान अपने डॉक्टर से बात जरूर करें और अगर गर्भधारण नहीं चाहतीं तो समाप्ति तिथि कैलेंडर में चिह्नित करें।
हार्मोनल आईयूडी सबसे सुरक्षित गर्भनिरोधक विधियों में एक है, जिनकी सफलतादर 99% से अधिक है।
अन्य लाभ:
हार्मोनल आईयूडी में गैर-हार्मोनल आईयूडी के मुकाबले थोड़े ज्यादा, लेकिन अन्य हार्मोनल विकल्पों (जैसे पिल्स) की तुलना में कम साइड इफेक्ट्स होते हैं। सबसे आम साइड इफेक्ट्स हैं इन्सर्शन के बाद कुछ दिनों में माहवारी जैसी ऐंठन और स्पॉटिंग। स्पॉटिंग तीन महीने तक रह सकती है, आमतौर पर कब भी छह महीने तक। पीरियड्स पूरी तरह बंद हो सकते हैं या इतने हल्के हो सकते हैं कि पैटी लाइनर काफी है। अन्य साइड इफेक्ट्स में स्तनों में जकड़न, सिरदर्द, मुंहासे, मूड बदलना, और सूजन शामिल हैं।
कुछ दुर्लभ लेकिन गंभीर साइड इफेक्ट्स:
हार्मोनल आईयूडी की कीमत ब्रांड, स्थान और बीमा कवर पर निर्भर करती है। आपको डिवाइस के साथ इन्सर्शन प्रक्रिया की भी कीमत देनी होती है। अमेरिका में लागत लगभग $0 से $1,300 तक हो सकती है, यह आपके मेडिकल इंश्योरेंस पर निर्भर करता है।
यूके, जर्मनी, फ्रांस जैसे कई यूरोपीय देशों में, आईयूडी व इन्सर्शन की कुल लागत लगभग 120-200 यूरो है।
केवल गैर-हार्मोनल आईयूडी विकल्प कॉपर आईयूडी है। यह तांबे का बना होता है, जो शुक्राणु को निष्क्रिय बनाता है।
आईयूडी से निकलने वाले तांबे के आयन शुक्राणुओं के लिए विषैली स्थिति बनाते हैं। इस वजह से वे या तो मर जाते हैं या निष्क्रिय हो जाते हैं, जिससे वे अंडे तक नहीं पहुंच पाते। तांबा गर्भाशय में इन्फ्लेमेटरी प्रतिक्रिया भी उत्पन्न करता है, जिससे फर्टिलाइज्ड एग भी इम्प्लांट नहीं हो पाता।
हार्मोनल विकल्प की तरह, कॉपर आईयूडी भी 99% से ज्यादा प्रभावी है, क्योंकि इसमें भी मानवीय भूल की संभावना नहीं होती। ये इन्सर्शन के बाद तुरंत काम करने लगता है, इसलिए इसे आपातकालीन गर्भनिरोधक के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
कॉपर आईयूडी सबसे लंबे समय तक चलने वाले रिवर्सिबल गर्भनिरोधक विकल्पों में है। अधिकांश ब्रांड 10 साल तक चलते हैं। आईयूडी का डलवाने की तारीख कहीं दर्ज करें ताकि समय पर निकलवाने या बदलवाने के लिए डॉक्टर के पास जा सकें।
कॉपर आईयूडी लंबे समय के लिए गर्भनिरोधक सुरक्षा देती है। इसका मुख्य फायदा है कि इसमें कोई सिंथेटिक हार्मोन नहीं है, जिससे हार्मोन के प्रति संवेदनशील महिलाओं को कोई असुविधाजनक लक्षण नहीं होते। यह बहुत प्रभावी है और आपके स्वास्थ्य पर इसका असर कम है।
तांबे की खासियत के कारण, कॉपर आईयूडी को आपातकालीन गर्भनिरोधक के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है—बिना सुरक्षा संबंध बाद 5 दिनों के अंदर लगाया जाए तो।
इसे ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भी सुरक्षित, विश्वसनीय गर्भनिरोधक के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि इसमें कोई हार्मोन नहीं निकलता। और इसे निकलवाते ही आप तुरंत गर्भधारण भी कर सकती हैं।
कॉपर आईयूडी सामान्य स्वास्थ्य से जुड़े साइड इफेक्ट्स कम देती है, लेकिन यही माहवारी से जुड़े साइड इफेक्ट्स बढ़ा सकती है। लगाने के बाद पीरियड्स वैसे के वैसे ही रहेंगे या ज्यादा भारी हो सकते हैं। शुरूआती महीनों में ऐंठन बढ़ सकती है। इसलिए भारी रक्तस्राव वाली, तांबे से एलर्जी या विल्सन डिजीज की रोगिनियों के लिए यह अनुशंसित नहीं है।
यहां भी दाम में डिवाइस तथा इन्सर्शन दोनों शामिल हैं। हार्मोनल की तरह, अमेरिकी बाजार में इसकी लागत लगभग $1,000 या इससे अधिक हो सकती है। कुछ यूरोपीय देशों में डिवाइस व इन्सर्शन मिलाकर 130 से 450 यूरो तक खर्च आता है।
इन्सर्शन प्रक्रिया आसान है, लेकिन दर्दनाक हो सकती है। अधिकतर क्लीनिक अपॉइंटमेंट से एक घंटा पहले पेनकिलर (जैसे आइबूप्रोफेन) लेने की सलाह देती हैं। आप चाहें तो लोकल एनेस्थीसिया भी मांग सकती हैं। आईयूडी डालने के लिए डॉक्टर को सर्विक्स खोलना होता है, जिससे दर्द होता है।
सर्विक्स संकुचन करती है, जिससे माहवारी जैसी ऐंठन होती है। कुछ महिलाओं को तीव्र दर्द होता है, कुछ को चक्कर या मतली आ सकती है। इसलिए अपने अधिकार के लिए अवश्य बोलें और डॉक्टर से सबसे उपयुक्त दर्द निवारक विकल्पों पर चर्चा करें। अच्छी बात यह है कि अधिकतर दर्द कुछ ही मिनट तक रहता है और कुछ दिनों में पूरी तरह ठीक हो जाता है।
आईयूडी की इन्सर्शन प्रक्रिया डॉक्टर के क्लिनिक में होती है और लगभग 10-15 मिनट लगते हैं। इससे पहले डॉक्टर यह पक्का करेंगी कि आप गर्भवती नहीं हैं। इन्सर्शन के लिए अपने पीरियड्स के समय अपॉइंटमेंट लें, इससे दर्द कम हो सकता है क्योंकि सर्विक्स सामान्य से ज्यादा खुली होती है।
इन्सर्शन के दौरान आप एग्जाम टेबल पर लेटेंगी, पैरों को स्टिरअप्स में रखेंगी। डॉक्टर पहले पेल्विक एग्जाम करेंगी, फिर एक स्पेकुलम की सहायता से सर्विक्स को देखेंगी। सर्विक्स और वेजाइना को एंटीसेप्टिक से साफ कर मापा जाता है, फिर आईयूडी एक विशेष एप्लीकेटर से गर्भाशय में डाला जाता है। स्ट्रिंग्स काटकर 1-2 इंच छोड़ दी जाती हैं।
रिकवरी भी आसान है—इन्सर्शन के बाद उसी दिन ऑफिस या स्कूल लौट सकती हैं। डॉक्टर ओवर-द-काउंटर पेनकिलर, हीटिंग पैड की सलाह दे सकती हैं। कम से कम 24 घंटे तक सहवास, टैम्पॉन या माहवारी कप न डालें। पहले दिन नहाने या सॉना भी न जाएं।
इन्सर्शन के बाद कुछ दिनों तक हल्का दर्द और ऐंठन सामान्य है। लेकिन यदि आपको बुखार, तीव्र दर्द, असामान्य स्राव, स्पॉटिंग से अधिक ब्लीडिंग या वह ऐंठन जो दवा से ठीक न हो—हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
आईयूडी होने से जीवन आसान जरूर होता है, लेकिन इसे नियमित जांच की जरूरत होती है। हर माह, खासकर पीरियड्स के बाद, आईयूडी की स्ट्रिंग्स जांचें। आप या आपके पार्टनर को स्ट्रिंग महसूस नहीं होनी चाहिए, अगर हो रही हो तो कटवाने के लिए डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लें।
ब्लीडिंग पैटर्न में कोई बड़ा बदलाव नोट करें। गर्भावस्था के संकेतों पर भी नजर रखें, यद्यपि आईयूडी के होते हुए प्रेग्नेंसी बहुत दुर्लभ है। अगर आपको स्ट्रिंग्स महसूस नहीं होतीं, वे लंबी/छोटी लगें, या आपको आईयूडी का प्लास्टिक हिस्सा महसूस हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
पश्चिमी देशों में अधिकतर महिलाओं के पास कई गर्भनिरोधक विकल्प उपलब्ध हैं। लेकिन यह बिल्कुल सामान्य है कि अपने लिए सही मेथड चुनने में वक्त लगता है। हार्मोनल आईयूडी पीरियड पेन तथा ब्लीडिंग को राहत देने में ज्यादा असरदार है, जबकि कॉपर आईयूडी के साइड इफेक्ट्स कम हो सकते हैं। आईयूडी डलवाने से पहले रिसर्च करें और डॉक्टर से फायदा-नुकसान जरूर जानें। सबसे महत्वपूर्ण है अपनी सेहत और फर्टिलिटी पर नियंत्रण रखना।
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