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मूत्र मार्ग संक्रमण
मूत्र मार्ग संक्रमण या यूटीआई एक जीवाणु संक्रमण है, जो आमतौर पर पाचन तंत्र के जीवाणुओं के कारण होता है, जो मल मार्ग से मूत्र मार्ग तक पहुँच जाते हैं। यह स्थिति असुविधाजनक और दर्दनाक होती है, और उपचार न होने पर यह गुर्दे को नुकसान पहुँचा सकती है।
कई महिलाएँ अपने जीवन में कम से कम एक बार मूत्र मार्ग संक्रमण का अनुभव करती हैं। यह एक सामान्य जीवाणु संक्रमण है, जिसका इलाज आसानी से एंटीबायोटिक्स और प्राकृतिक तरीकों से किया जा सकता है। हालांकि, इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि इसकी जटिलताएँ गंभीर हो सकती हैं।
कारण और वर्गीकरण
मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई) एक व्यापक स्थिति है जो मूत्र तंत्र (गुर्दे, मूत्राशय, मूत्रवाहिनी और मूत्रमार्ग) के हर हिस्से को प्रभावित कर सकती है। कोई भी महिला यूटीआई का शिकार हो सकती है, लेकिन महिलाओं में यह अधिक आम है, क्योंकि उनकी शारीरिक रचना के कारण उन्हें अधिक जोखिम होता है।
महिलाओं में यूटीआई होने का खतरा पुरुषों की तुलना में 30% अधिक होता है क्योंकि उनकी मूत्रमार्ग छोटी होती है, जिससे जीवाणु आसानी से मूत्राशय से गुर्दों तक जा सकते हैं।
मूत्र मार्ग संक्रमण आमतौर पर ई. कोलाई जीवाणु के कारण होता है, जो बड़ी आंत में सामान्य रूप से रहते हैं। अन्य कारणों में प्रोटिउस मिराबिलिस और क्लेब्सिएला निमोनिया शामिल हैं। यदि अवांछित जीवाणु मूत्रमार्ग तक पहुँच जाते हैं, तो संक्रमण ऊपर की ओर मूत्र तंत्र तक जा सकता है। कई लोग अपने जीवन में कम से कम एक बार मूत्र मार्ग संक्रमण का अनुभव करते हैं। स्थिति की गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है कि जीवाणु कितनी दूर तक पहुँच चुके हैं, और इसी आधार पर यूटीआई के विभिन्न प्रकार होते हैं।
यूटीआई के प्रकार:
सिस्टाइटिस—मूत्राशय में जीवाणु संक्रमण। इस प्रकार के यूटीआई में पेशाब करते समय जलन और दर्द होता है, और बार-बार पेशाब करने की इच्छा महसूस होती है। मूत्र का रंग और पारदर्शिता बदल सकती है, मूत्र में खून आ सकता है, और निचले पेट में दर्द हो सकता है।
प्रोस्टेटाइटिस—प्रोस्टेट ग्रंथि का जीवाणु संक्रमण। आम लक्षणों में कमर के आसपास दर्द, दर्दनाक और कठिन पेशाब, मूत्र में खून आना, और बार-बार पेशाब करने की जरूरत महसूस होना, शामिल हैं। यह मुख्य रूप से 50 साल से कम उम्र के पुरुषों को प्रभावित करता है।
यूरेथ्राइटिस—मूत्रमार्ग में जीवाणु संक्रमण। यूरेथ्राइटिस का सामान्य लक्षण है पेशाब करते समय जलन और मूत्रमार्ग से स्त्राव होना। कुछ महिलाएँ यह भी महसूस करती हैं कि वे एक बार में पूरी तरह पेशाब नहीं कर पा रही हैं।
पायलोनफ्राइटिस—गुर्दों में जीवाणु संक्रमण। यह सबसे खतरनाक प्रकार का यूटीआई है और आमतौर पर तब होता है जब संक्रमण का इलाज नहीं किया जाता या प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। यह गुर्दे को नुकसान (तीव्र गुर्दा विफलता समेत) पहुंचा सकता है और क्रॉनिक संक्रमण का कारण बन सकता है। अगर जीवाणु गुर्दों तक पहुँच जाएं, तो संक्रमित महिला को बुखार, सर्दी लगना, मितली और उल्टी के साथ-साथ पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द हो सकता है।
कोई भी संक्रमण, यदि इलाज न हो, तो खतरनाक हो सकता है। शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें और जैसे ही आपको कोई समस्या लगे, तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।
मूत्र मार्ग संक्रमण का प्रचलन और जोखिम
मूत्र मार्ग संक्रमण जितना आप सोचती हैं, उससे कहीं अधिक सामान्य है। यूनाइटेड किंगडम में शोधकर्ताओं ने 10 सालों तक लगभग दस लाख लोगों का अध्ययन किया और पाया कि 21% प्रतिभागियों को इस अवधि में कम से कम एक बार यूटीआई हुआ। महिलाएँ और वृद्ध लोग सबसे अधिक प्रभावित हुए।
कई कारण मूत्र मार्ग संक्रमण के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, जैसे महिला होना (और इस कारण मूत्रमार्ग का छोटा होना) तथा टॉयलेट के बाद पीछे से आगे पोंछना, जिससे मल मार्ग के जीवाणु मूत्रमार्ग तक पहुँच सकते हैं।
अन्य कारक जो यूटीआई का जोखिम बढ़ाते हैं:
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली—अगर आपका शरीर किसी भी कारण से तनाव में है, तो उसकी जीवाणुओं से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है। इससे मूत्र मार्ग संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने के आम कारण हैं: डायबिटीज, मोटापा, इम्यूनोसप्रैसेंट दवाएँ, संक्रमित यौन रोग, और अन्य वायरल या जीवाणु संक्रमण।
हार्मोनल बदलाव—ईस्ट्रोजन में अचानक गिरावट से संक्रमण का जोखिम बढ़ सकता है। रजोनिवृत्त और गर्भवती महिलाओं में हार्मोन में उतार-चढ़ाव के कारण यूटीआई का जोखिम अधिक हो जाता है। हार्मोनल बदलाव के बारे में और पढ़ें।
यौन सक्रियता—यौन संबंध के दौरान, जीवाणु मलद्वार से मूत्रमार्ग तक पहुँच सकती हैं। असुरक्षित यौन संपर्क भी योनि में पीएच स्तर और जीवाणुओं के बदलाव के कारण यूटीआई का जोखिम बढ़ा सकता है। सुरक्षित यौन संबंध के बारे में यहाँ पढ़ें।
कुछ गर्भनिरोधक विधियाँ—डायाफ्राम के उपयोग से महिलाओं में यूटीआई का जोखिम बढ़ जाता है, उसी तरह स्पर्मिसाइडल फोम वाले कंडोम के उपयोग से भी। गर्भनिरोधक के बारे में और जानें।
मूत्र कैथेटर का उपयोग—यह एक लचीली नली है, जिसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब सामान्य रूप से पेशाब नहीं हो पाता। गर्भावस्था में इसका उपयोग यूटीआई का खतरा काफी बढ़ा देता है। संक्रमण से बचने के लिए कैथेटर के इस्तेमाल में स्वच्छता बनाए रखना भी बहुत जरूरी है।
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सामान्य प्रश्न
क्या ठंडा मौसम यूटीआई का कारण बनता है?
आपने सुना होगा कि ठंडी जमीन पर न बैठें या सर्दियों में अपनी कमर को गर्म रखें। हालांकि ठंडा मौसम सीधे जीवाणु संक्रमण का कारण नहीं बनता, लेकिन यह सहायक हो सकता है। जब हमारा शरीर ठंड को झेलता है, तो वह महत्वपूर्ण अंगों तक अधिक रक्त और ऑक्सीजन पहुँचाने की कोशिश करता है। इसका मतलब है कि अंगों में रक्त संचरण बढ़ जाता है। नतीजतन, आपके गुर्दों को खून छानने और अधिक पेशाब बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। अगर ठंडे दिनों में आप पर्याप्त पानी नहीं पीती हैं, तो शरीर उतनी अच्छी तरह काम नहीं करेगा और निस्यंदन से बच निकले जीवाणु मूत्र मार्ग में जा सकते हैं।
क्या सेक्स के बाद पेशाब करना यूटीआई से बचाता है?
कई महिलाओं को विश्वास होता है कि सेक्स के बाद पेशाब करने से यूटीआई से बचाव हो सकता है। हालाँकि, इस दावे को समर्थन देने वाले अध्ययन सीमित हैं, फिर भी पेशाब करने से मूत्रमार्ग से जीवाणु बहार हो सकते हैं। यौन संपर्क में जीवाणु बढ़ जाने से यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, सेक्स के लगभग 30 मिनट के भीतर पेशाब करना, जीवाणु बाहर निकालने में मददगार हो सकता है।
हालांकि महिलाएँ संक्रमण की अधिक संभावना रखती हैं, चिकित्सक पुरुषों को भी सेक्स के बाद पेशाब करने की सलाह देते हैं। सेक्स के बाद पेशाब करना कोई जादुई इलाज नहीं है; न तो इससे गर्भावस्था रुकेगी, न ही यौन संचारित रोगों का प्रसार रुकेगा। हमेशा सुरक्षित यौन संबंध रखें!
आम इलाज
मूत्र मार्ग संक्रमण का इलाज अक्सर प्राकृतिक उपायों से भी हो सकता है, लेकिन आपको हमेशा डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि संक्रमण आगे नहीं बढ़ा है और आपको क्रॉनिक संक्रमण का खतरा नहीं है। डॉक्टर संक्रमण की गंभीरता का पता लगाने के लिए मूत्र परीक्षण कर सकते हैं। सबसे आम इलाज एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स होता है और बैक्टीरिया को बाहर निकालने के लिए तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है। अगर दर्द हो रहा है तो डॉक्टर दर्द निवारक दवाएँ भी लिख सकती हैं।
कुछ विशेषज्ञ क्रैनबेरी का जूस या टैनिन युक्त कैप्सूल लेने की भी सलाह देते हैं। टैनिन एक प्राकृतिक पॉलीफेनॉल (माइक्रोन्यूट्रिएंट) है, जो क्रैनबेरी में पाया जाता है और ई. कोलाई जीवाणु को मूत्राशय और मूत्रमार्ग की दीवारों से चिपकने से रोकता है।
यूटीआई से बचाव
हालांकि इसका इलाज काफी आसान है, फिर भी ‘रोकथाम इलाज से बेहतर है’। मूत्र मार्ग संक्रमण ऐसी जटिलताएँ पैदा कर सकता है जैसे मूत्रमार्ग का संकुचन, गुर्दा को नुकसान, पुराना संक्रमण, गर्भावस्था में जोखिम, और यहां तक कि सेप्सिस। तो यूटीआई से बचने के लिए आप क्या कर सकती हैं?
हाइड्रेटेड रहें—मूत्र में खुद कुछ जीवाणुनाशी गुण होते हैं और यह जीवाणुओं को मूत्र तंत्र की दीवारों से चिपकने से रोकता है। पेशाब को रोकें नहीं; नियमित रूप से पेशाब करने से हानिकारक जीवाणु बाहर निकलते हैं।
आगे से पीछे पोंछें—टॉयलेट के बाद हमेशा जननांग से गुदा की ओर पोंछें ताकि पाचन तंत्र के जीवाणु मूत्रमार्ग तक न पहुँचें।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करें—आपका शरीर जीवाणुओं और वायरस से लड़ने के लिए बना है। जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, तो संक्रमण से बचाना मुश्किल हो जाता है। पर्याप्त नींद लेकर, संतुलित आहार लेकर, और नियमित व्यायाम करके आप अपनी प्रतिरक्षा को मजबूत कर सकती हैं।
सुरक्षित यौन संबंध रखें—नए साथी के साथ सेक्स करते समय हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें और सेक्स के बाद पेशाब करने और जननांग को धोने की आदत डालें।
जननांग क्षेत्र की अत्यधिक सफाई से बचें—तेज डिटर्जेंट और सुगंधित उत्पाद अच्छे जीवाणुओं को खत्म कर सकते हैं और हानिकारक जीवाणुओं की वृद्धि बढ़ा सकते हैं। व्यक्तिगत स्वच्छता जरूरी है, लेकिन जरूरत से ज्यादा न करें—आपकी योनि की सफाई का प्राकृतिक तालमेल उसकी सूक्ष्मजीवों की सेहत पर निर्भर करता है।
सुरक्षित यौन संबंध रखकर, पर्याप्त पानी पीकर, और सही अंतःवस्त्र स्वच्छता बनाए रखकर, अपनी यूटीआई की जोखिम को कम करें।
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