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स्तन कैंसर: निदान, उपचार और रोकथाम

स्तन कैंसर वह कैंसर है जो स्तन ऊतक में विकसित होता है। यह कैंसर आमतौर पर महिलाओं में पाया जाता है, लेकिन पुरुषों को भी प्रभावित करता है। यदि कैंसर समय रहते पकड़ा जाए तो जीवित रहने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।

सशक्त स्वास्थ्य: स्तन कैंसर की यात्रा का चित्रण - निदान, उपचार और रोकथाम

चिकित्सा क्षेत्र में प्रगति के चलते, स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं के जीवित रहने की संभावना अब पहले की तुलना में कहीं अधिक है। इसके पीछे प्रमुख भूमिका जागरूकता, नियमित जांच और कैंसर की बेहतर समझ ने निभाई है, जिससे आज इस रोग का उपचार बेहतर संभव हो पाया है।

स्तन कैंसर कैसे विकसित होता है?

स्तन कैंसर को स्तन ऊतक में असामान्य कोशिकाओं के विकास के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो एक ट्यूमर का रूप ले लेता है। ये ट्यूमर आमतौर पर दूध की नलियों में बनना शुरू होते हैं और यदि इलाज न किया जाए तो स्तन के अन्य भागों में फैल सकते हैं।


स्तन कैंसर विश्व स्तर पर सबसे अधिक फैलने वाले कैंसरों में से एक है, जो लगभग हर आठ में से एक महिला को प्रभावित करता है। अच्छी खबर यह है कि आजकल कई मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो जाती हैं। समय पर निदान ही पूर्ण स्वस्थ होने की कुंजी है।

किनके बीच स्तन कैंसर होता है?

स्तन कैंसर किसी भी लिंग की व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, हालांकि, पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यह 100 गुना अधिक होता है। महिलाओं के स्तन लगभग तीन से चार वर्षों में विकसित होते हैं, यह प्रक्रिया लगभग 14 वर्ष की आयु तक पूरी हो जाती है। इस दौरान स्तन कोशिकाएं एस्ट्रोजन और अन्य हार्मोनों के प्रति सक्रिय हो जाती हैं, जिसमें पर्यावरण में मौजूद हार्मोन विघटक भी शामिल हैं। इससे वे असामान्य कोशिका विकास के प्रति संवेदनशील हो जाती हैं। पुरुषों में दूध न देने वाले स्तन विकसित नहीं होते, जिससे उनकी स्तन कोशिकाएं निष्क्रिय रहती हैं और वे इस प्रकार के कैंसर के प्रति कम संवेदनशील होते हैं।

क्या बच्चे को जन्म देने से महिला के स्तन कैंसर का खतरा बदलता है? इसका उत्तर जटिल है और पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। तत्काल प्रभाव यह होता है कि जोखिम थोड़ा बढ़ जाता है और यह वृद्धि लगभग दस वर्षों तक रहती है। इसके बाद, प्रभाव ठीक विपरीत हो जाता है—दस वर्षों के बाद स्तन कैंसर का खतरा उस महिला की तुलना में कुछ कम हो जाता है, जिसने कभी बच्चा नहीं जन्मा।

भले ही केवल महिला होना आपको स्तन कैंसर के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है, पर औसतन केवल 12% महिलाओं को ही यह रोग होता है। जोखिम कारकों को दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है—परिवर्तनीय (जिन्हें आप बदल सकती हैं) और अपरिवर्तनीय (जिन्हें आप नहीं बदल सकतीं)।

परिवर्तनीय जोखिम कारकों में मोटापा, शराब का अधिक सेवन, धूम्रपान, विशेष आहार पैटर्न, व्यायाम की कमी और हार्मोनल गर्भनिरोधक का उपयोग (विशेष रूप से कृत्रिम एस्ट्रोजन वाले) शामिल हैं। हालांकि, इन कारकों और स्तन कैंसर के बीच संबद्धता एकदम स्पष्ट नहीं है।

हमारे लेखों में हार्मोनल और गैर-हार्मोनल गर्भनिरोधक के बारे में और जानकारी पा सकती हैं।

अपरिवर्तनीय जोखिम कारकों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • आयु—50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में स्तन कैंसर की संभावना ज्यादा होती है, हालांकि जो महिलाएं जल्दी मां बनती हैं उन्हें दीर्घकालिक जोखिम में कमी हो सकती है।
  • वंशानुकृति—अगर परिवार में किसी को स्तन कैंसर रहा है तो महिला को इसका खतरा बढ़ जाता है। रिश्ते की नजदीकी के अनुसार जोखिम बढ़ता है (माता की तुलना में दूर के रिश्तेदार)
  • आयनीकृत विकिरण का संपर्क—कैंसर को उत्पन्न करने वाले कई प्रकार के विकिरण के संपर्क में रहना जोखिम को बढ़ाता है।
  • घना स्तन ऊतक—जिन महिलाओं के स्तनों में कम वसा या अधिक घना ऊतक होता है, उनमें स्तन कैंसर का खतरा अधिक होता है।
  • हार्मोनल असंतुलन—जिन महिलाओं में एस्ट्रोजन की अधिकता होती है, उनमें स्तन कैंसर की संभावना अधिक होती है, क्योंकि यह रोग सीधे तौर पर एस्ट्रोजन के अधिक उत्पादन से जुड़ा है।

महिला हार्मोनों के बारे में अधिक जानें हमारे लेख में।

विविध दृष्टिकोण: स्तन कैंसर की विभिन्न प्रकारों का विश्लेषण


स्तन कैंसर के प्रकार

स्तन कैंसर को प्रकार, चरण और ग्रेड में वर्गीकृत किया जाता है। चरण बताता है कि कैंसर कितना फैल चुका है या फैल रहा है। ग्रेड के अनुसार ट्यूमर कोशिकाओं की स्थिति का पता चलता है—क्या वे सामान्य स्तन कोशिकाओं की तरह हैं या उनमें अधिक असामान्यताएं हैं।

कैंसर के प्रकार गैर-आक्रामक या आक्रामक हो सकते हैं—आक्रामक प्रकार वह है जिसमें कैंसर अपनी उत्पत्ति के ऊतक से बाहर फैलने लगता है। स्तन कैंसर आमतौर पर निम्नलिखित प्रकारों में बांटा जाता है:

  • इनवेसिव डक्टल स्तन कैंसर—यह दूध की नलियों में शुरू होकर आसपास के ऊतकों में फैलता है।
  • इनवेसिव लोब्यूलर स्तन कैंसर—यह लोब्यूल (दूध बनाने वाली ग्रंथियां) में शुरू होकर आसपास के ऊतकों में फैलता है।
  • डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू—गैर-आक्रामक कैंसर, जो दूध की नलियों में विकसित होता है।
  • लोब्यूलर कार्सिनोमा इन सीटू—गैर-आक्रामक कैंसर, जो लोब्यूल में विकसित होता है।

स्वयं परीक्षण एवं स्तन कैंसर के लक्षण

स्तन का स्वयं-परीक्षण घर पर किया जा सकने वाला एक एहतियाती कदम है। अपने स्तनों को नियमित रूप से जांचना आपको किसी भी परिवर्तन के प्रति सतर्क करता है, जिन्हें डॉक्टर से जांचवाना ज़रूरी हो सकता है।

स्वयं-परीक्षण करते समय उपयुक्त समय का ध्यान रखें, क्योंकि मासिक धर्म चक्र के कारण स्तनों की कोमलता और आकार में बदलाव आ सकता है। अपने व्यक्तिगत अनुभव के अनुसार समय चुनें—आम तौर पर पीरियड शुरू होने के एक हफ्ते बाद स्तन कम कोमल होते हैं।

स्वयं-परीक्षण की शुरुआत अपने स्तनों के आकार और बनावट में किसी भी परिवर्तन को जानकर करें। क्या किसी का आकार या आकर बदला है? निप्पल में कोई अंतर है? स्तन कैंसर के लक्षणों में निप्पल का अंदर की तरफ मुड़ना, रंग बदलना शामिल हो सकता है। किसी भी प्रकार का असामान्य स्त्राव (पानी जैसा या रक्तयुक्त) चिंता का कारण हो सकता है। अन्य दृश्य लक्षणों में सूजन, चकत्ता, लालिमा और स्तन की पूर्णता में बदलाव हो सकते हैं।

इसके बाद उंगलियों की पोरियों से हल्के से स्तनों और निप्पलों को महसूस करें—गांठ या सूजन का अनुभव करें। परीक्षण के दौरान असहजता या दर्द पर भी ध्यान दें। अपनी भुजाओं को ऊपर उठाकर, स्तनों के किनारों और बगल की तरफ (जहां लिम्फ नोड्स होते हैं) का परीक्षण करें। फिर से किसी गांठ, सूजन या दर्द का ध्यान रखें।

क्या दिख सकता है

अगर कोई असामान्य लक्षण मिलें, तो घबराएं नहीं। स्तन में बदलाव केवल कैंसर के कारण ही नहीं होते, पर डॉक्टर से परामर्श लेना सबसे सुरक्षित है।

स्तन में गांठ—हालांकि डरावनी लग सकती हैं, पर 10 में से 9 बार ये गांठ कैंसरयुक्त नहीं होतीं। हार्मोनल बदलावों के कारण सामान्यतः दिखाई देती हैं। गैर-कैंसरयुक्त गांठें सामान्यतः छोटी (2 सेमी तक) होती हैं और इधर-उधर हिल सकती हैं।

स्तनों में कोमलता—यह अक्सर शरीर के हार्मोनल परिवर्तनों से होती है। माहवारी से पहले, हार्मोनल गर्भनिरोधक लेने पर और गर्भावस्था या अन्य प्रजनन संबंधी घटनाओं के दौरान स्तन कोमल व दर्दयुक्त हो सकते हैं। हार्मोनल दर्द समय के साथ कम हो जाता है, जबकि सूजन संबंधी दर्द बना रह सकता है, जो बढ़ता जाता है और अक्सर एक स्थान पर ही रहता है।

स्तनों का आकार और त्वचा—अधिकांश महिलाओं के स्तन एक जैसे नहीं होते, यह पूरी तरह सामान्य है। माहवारी के अंतिम दिनों में स्तनों में भारीपन महसूस हो सकता है, गर्भावस्था और प्रसव से भी स्तनों की बनावट बदल सकती है। ध्यान रखने योग्य बातें: स्तनों या आसपास की त्वचा में लालिमा, सूजन, जलन या अनपेक्षित आकार में तेजी से बदलाव–खासकर जब यह केवल एक स्तन में हो।

निदान और उपचार

अगर आपके लक्षण कैंसर के संकेतक हैं, तो डॉक्टर आपको कैंसर विभाग में आगे जांच के लिए भेजेंगी। शुरूआती जांच सामान्यतः गैर-आक्रामक होती है—अल्ट्रासाउंड के बाद मैमोग्राम (स्तन का एक्स-रे)। अगर इन जांचों में टिशू में कुछ असामान्यता मिलती है तो बायोप्सी की जाती है, जिससे तय किया जाता है कि कैंसर है या नहीं।

उपचार कैंसर के प्रकार, चरण और ग्रेड पर निर्भर करता है—कि ट्यूमर कितना बड़ा है और कैंसर कितना फैल चुका है। आमतौर पर दिए जाने वाले उपचार:

  • आंशिक सर्जरी (लम्पेक्टोमी)—गैर-आक्रामक कैंसर के लिए, केवल प्रभावित हिस्से को निकाला जाता है।
  • मास्टेक्टोमी (स्तन को हटाना)—अगर कैंसर आसपास के ऊतक तक फैल गया हो।
  • लिम्फ नोड सर्जरी—अगर कैंसर लिम्फ नोड्स तक फैल गया हो तो, कुछ को हटाना पड़ सकता है।
  • रेडियोथैरेपी—एक्स-रे के जरिए कैंसर कोशिकाओं को मारना। यह मास्टेक्टोमी के साथ दिया जाता है ताकि कैंसर फिर वापिस न आए।
  • कीमोथैरेपी और हार्मोनल थैरेपी—दवाओं या हार्मोन्स द्वारा कैंसर को कम करना और खत्म करना। अक्सर डॉक्टर सर्जरी से पहले और बाद में कीमोथैरेपी/हार्मोनल थैरेपी की सलाह देते हैं, जिससे कैंसर का आकार कम किया जा सके और कम ऊतक निकालना पड़े।

स्तन कैंसर के साथ जीना

स्तन कैंसर का निदान मानसिक स्वास्थ्य को गहरा प्रभावित कर सकता है। इलाज की प्रक्रिया आपके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए महत्त्वपूर्ण है। इन भावनाओं के साथ अकेली न रहें। किसी भरोसेमंद मित्र, रिश्तेदार या यहां तक कि अनजान व्यक्ति से बात करना मददगार हो सकता है—जो भी आपके लिए बेहतर हो।

स्तन कैंसर का इलाज जीवन के कई पहलुओं पर असर डालता है—रिश्ते व परिवार, आर्थिक स्थिति, मानसिक अवस्था और आत्म-छवि पर। कई महिलाओं को मास्टेक्टोमी और कीमोथैरेपी के बाद सकारात्मक स्व-स्वीकार्यता पाने में कठिनाई होती है। इन उपचारों के मानसिक और शारीरिक परिणाम होते हैं जिन्हें स्वीकृत करना कठिन हो सकता है। कैंसर की दवाएं आपको बीमार बना सकती हैं, और पूरी प्रक्रिया ऊर्जा को कम कर सकती है। समर्थन प्राप्त करना और अपनी स्थिति से निपटने के अलग–अलग तरीके ढूंढना स्वस्थ होने के लिए जरूरी है।

मनोचिकित्सा कैंसर मरीजों को अपनी स्थिति प्रबंधित करने व बेहतर महसूस करने में सहायता कर सकती है। कई स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं को समूह चिकित्सा में सांत्वना मिलती है, जहां अन्य पीड़ित महिलाएं अनुभव बांटती हैं। यह समाज की भावना देती है और यह विश्वास दिलाती है कि कैंसर से लड़ाई में भी हमें अकेली नहीं रहना चाहिए।

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https://www.healthline.com/health/breast-cancer#types
https://www.cancerresearchuk.org/about-cancer/breast-cancer
https://www.nhs.uk/conditions/breast-cancer/
https://www.cancer.org/cancer/breast-cancer/about/how-common-is-breast-cancer.html
https://www.mayoclinic.org/tests-procedures/breast-exam/about/pac-20393237
https://www.mayoclinic.org/healthy-lifestyle/womens-health/in-depth/breast-cancer-prevention/art-20044676
https://www.breastcancer.org/risk/factors/woman
https://blog.komen.org/blog/komen-perspectives-does-pregnancy-affect-breast-cancer-risk-and-survival/
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